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नगर पंचायत अमीनगर सराय

धर्म नगरी अमीनगर सराय, जनपद बागपत, उत्तर प्रदेश में स्थित है। पुरातन काल में जब भारत में मुगल शासन था। उस समय सरधना रियासत की शासक अमीना बेगम थी। उनके साम्राज्य में वह भूमि भी थी, जिस पर अमीनगर सराय बसा हुआ है। एक बार अमीना बेगम सरधना से दिल्ली एक हथिनी पर बैठकर जा रही थी। रास्ते में एक स्थान पर वन में हथिनी बैठ गई। पीलवान ने हथनी को बहुत उठाने का प्रयास किया लेकिन हथनी नहीं उठी। उस स्थान पर अमीना बेगम ने रात्रि विश्राम किया तथा यहां पर एक बस्ती बसाने का निर्णय लिया। बेगम साहिबा ने घोषणा की कि जो भी परिवार यहां आकर निवास करेगा उसको निःशुल्क भूमि उपलब्ध करायी जायेगी। अमीना बेगम ने यहां पर एक सराय (धर्मशाला) बनवायी। उस सराय के अन्दर एक मस्जिद व उसके बगल में एक कुआ बनवाया। उस सराय के अन्दर कुछ मकान बनवाकर भटियारों को दिये। उस सराय के दो द्वार (दरवाजे) भी उत्तर व दक्षिण दिशा की ओर बनवायें। अमीनगर सराय के बाजार में जो मस्जिद बनी हुई है यह वहीं मस्जिद है। मौहल्ला कुरेशीयान व मोहल्ला उत्तरी बाजार उक्त सराय के अन्दर ही बसे हुये है।



क्षेत्र में स्थित ग्राम के निवासी भी अपनी आवश्यकतायें अमीना द्वारा स्थापित सराय से पूरी करने लगे और इसका नामकरण भी अमीनगर सराय हो गया। अमीनगर सराय बाजार को सुन्दरता एवम् अच्छा व्यापारिक केन्द्र मानते हुए संयुक्त प्रान्त (तत्कालीन प्रदेश का नाम) सरकार ने अमीनगर सराय को नगर क्षेत्र मानकर नगर क्षेत्र समिति (Town Area Committee) के गठन की 24 जुलाई, 1884 को अधिसूचना जारी कर दी।

अमीनगर सराय में नगर क्षेत्र समिति Town Area Committee का गठन हो जाने के कारण नगर की सफाई आदि की व्यवस्था नगर क्षेत्र समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी हो गयी। यह नगर चमडा का व्यापार व चमडे की बनी हुई जूतियों का बहुत बडा व्यापारिक केन्द्र बन गया। प्रत्येक बृहस्पतिवार को लगने वाली साप्ताहिक पैंठ में बहुत दूर-दूर का व्यापारी यहां चमडा बेचने के लिये आते थे।

सम्पूर्ण भारत वर्ष पराधीनता की बेडी में जकडा हुआ था। ब्रिटिश सरकार यहां पर शासन करती थी, जो कि देशवासियों का पूर्णतयाः शोषण करती थी। प्रत्येक परिवार के दैनिक प्रयोग में आने वाला नमक पर भारतीय अंग्रेज सरकार ने कर लगा दिया तो भारतीय जनता इस आर्थिक शोषण से कराह उठी। महात्मा गांधी जी ने भारत की जनता के आर्थिक शोषण के विरूद्व एक आन्दोलन शुरू किया। अमीनगर सराय में भी महात्मा गांधी के आहवान पर नमक बनाया गया। ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों ने अमीनगर सराय के 52 नागरिकों को 13 जुलाई 1930 को नमक कानून का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।

इस नगर में अनेक उतार-चढाव आये है चाहे आजादी की लडाई हो चाहे धार्मिक एवम् सांस्कृतिक कार्यक्रम हो यह नगर सदैव अग्रणी रहा। सभी क्षेत्र वासी इस नगर को धर्मनगरी मानते है। यहां पर सैकड़ो सालो से रामलीला का आयोजन होता है। इस रामलीला आयोजन में अमीनगर सराय के ही नागरिक कलाकार होते है, जो निःशुल्क अपनी कला का प्रर्दशन करते है।

अमीनगर सराय में उत्तर से दक्षिण दिशा तक एक मुख्य बाजार है। इस बाजार में स्वर्ण, मिष्ठान, वस्त्र, फल, सब्जी व किराना की बहुत सी दुकानंे है। इस बाजार से लगभग 20 गांव के निवासी जरूरत का सामान खरीदते है। यहां का घेवर व चूर्ण पूरे देश में प्रसिद्व है। शहर व्यवस्थित व सुन्दर है। अमीनगर सराय शहर को अपनी बनावट पर गर्व है। इस शहर में चैडे रास्ते तथा शहर के बाहर स्ट्रीट लाईट व सोलर लाईट की व्यवस्था है। यहां पर सफाई व्यवस्था दुरूस्त है। पेयजल हेतु हैण्डपम्प व टंकी उपलब्ध हैं। सौन्द्रीयकरण झरने व फुवारे लगे हुए है। ईदगाह व शमशान भी बहुत ही सुन्दर व्यवस्थित है। शहर एक भौतिक इकाई होता है, जहां पर इमारतें व सडको के साथ उच्च विचारो वाले व्यक्ति निवास करते है। शहर के निवासियों के कार्यो व उनके व्यवहार से उस शहर की शान प्रकट होती है। शहर में आपसी भाईचारा कायम है।


अमीनगर सराय का परिचय

1. वर्तमान परिवेश- अमीनगर सराय कस्बा बागपत जिले में स्थित है जोकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र व उत्तर प्रदेश राज्य का अभिन्न अंग है। अमीनगर सराय के आस-पास भूमि समतल व उपजाऊ है। यहां पर गन्ने की उन्नत खेती होती है। कस्बा अमीनगर सराय का थाना सिंघावली अहीर लगता है जो मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कस्बें में पुलिस चैकी स्थित है। कार्यालय नगर पंचायत अमीनगर सराय का मोबाइल न0 6397947918 है। कस्बा अमीनगर सराय एन0सी0आर0 क्षेत्र में स्थित है। सन् 1884 में अमीनगर सराय को टाउन एरिया कमैटी का दर्जा मिला। उसके बाद से कस्बा विकास के पथ पर अग्रसारित है। वर्तमान में अमीनगर सराय निकाय में 17 स्कूल/काॅलेज है। जहां पर अमीनगर सराय निकाय व आस-पास के गांवो से विद्यार्थी पढने के लिए आते है। अमीनगर सराय निकाय में दो स्वास्थ्य केन्द्र है, जिनमें आयुर्वेदिक व एलोपैथिक पद्वतियों में उपचार किया जाता है।

2. भौतिक स्वरूप- किसी भी नगर के विकास मै वहां के प्राकृतिक एवम् भौगोलिक पर्यावरण का महत्वपूर्ण योगदान होता है। अमीनगर सराय निकाय की भौगोलिक स्थिति मानवीय क्रियाओं के लिए आकर्षक तत्व प्रदान करती है। समतल व अत्यधिक उपजाऊ, मैदानी कृषि भूमि, प्रदूषण रहित स्वच्छ मीठे जल के पर्याप्त भूःगर्भीय स्त्रोत के कारण सामान्यतः नगरीय विकास के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियां उपलब्ध करवाते है। यह नगर यमुना नदी से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर है। कस्बा अमीनगर सराय उत्तर प्रदेश के पश्चिम भाग में स्थित है जोकि भौतिक रूप से समतल है। यह नगर हिण्डन नदी से 06 किलोमीटर की दूरी पर है। हिण्डन नदी के किनारे पुरामहादेव में परशुरामेश्वर महादेव मन्दिर मंें वर्ष में दो बार कांवड मेला लगता है, जिसमें लाखो की संख्या में शिव भक्त गंगा जल चढाते है।

3. क्षेत्रीय स्थिति- कस्बा अमीनगर सराय मेरठ-बागपत रोड पर सराय मोड से 3 किलोमीटर उत्तर दिशा में स्थित है जोकि दो जिला मुख्यालय को जोडता है। अमीनगर सराय निकाय देश के मुख्य शहरों मेरठ, बडौत, शामली, गाजियाबाद, सोनीपत एवं दिल्ली आदि से अच्छे से जुडा हुआ है। आस-पास के लगभग 20 गांव के लोग व्यापारिक गतिविधियों हेतु अमीनगर सराय निकाय में आते है। धीरे-धीरे अमीनगर सराय निकाय व्यवसायिक गतिविधियों का बढावा हो रहा है।

4. यातायात- जिला मुख्यालय बागपत से कस्बा अमीनगर सराय की दूरी मात्र 20 किलोमीटर है। मण्डल कार्यालय मेरठ से कस्बा अमीनगर सराय की दूरी मात्र 36 किलोमीटर है। भारत देश की राजधानी दिल्ली से कस्बा अमीनगर सराय की दूरी 60 है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से कस्बा अमीनगर सराय की दूरी 495 किलोमीटर है। माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद की दूरी कस्बा अमीनगर सराय से दूरी 718 किलोमीटर है। अमीनगर सराय से निकटमत रेलवे स्टेशन अग्रवाल मंडी टटीरी, जनपद बागपत है जोकि मात्र 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नजदीकी हवाई अडडा दिल्ली स्थित है जो लगभग 75 किलोमीटर दूर है।

5. जलवायु- अमीनगर सराय कस्बा महादीपीय जलवायु क्षेत्र के अन्तर्गत आता हैं जोकि ग्रीष्म काल में अधिक गर्म रहता है। यहां पर अधिकतम तापमान 42.0 से 45.0 सेंटीग्रेट एवं न्यूनतम 7.0 सेंटीग्रेट तक रहता है। न्यूनतम तापमान दिसम्बर, जनवरी माह में एवं अधिकतम तापमान जून-जुलाई माह में रहता है। औसत तापमान 25 सेंटीग्रेट रहता है। वर्षा सामान्यतः जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में प्रारम्भ होकर सितम्बर माह तक होती है। औसत वार्षिक वर्षा 950 मि0मी0 तक होती है। इस क्षेत्र में भूमि उपजाऊ एवम् कृषि योग्य है।

6. सतह ढलान- अमीनगर सराय निकाय का ढलान उत्तर से दक्षिण की ओर है। छोटे नालो का पानी दक्षिण की ओर बहता हुआ मुख्य नालें में मिलता है।

7. वर्तमान निकाय की परिस्थितिया-ं किसी भी नगरीय क्षेत्र के दीर्घकालीन विकास के लिए योजना तैयार करते समय वहां पर रहने वाले लोगो की सामाजिक व आर्थिक स्थिति को समझना अत्यन्त आवश्यक है। पूर्ववर्ती वर्षाे में जनसंख्या वृद्वि की प्रकृति तथा जनसंख्या की अन्य विशेषताओं का आंकलन किया जाता है। इसके साथ-साथ आर्थिक संरचना का भी गहन अध्ययन भी किया जाता है, जिससे वर्तमान स्थिति के विश्लेषण के आधार पर जनसंख्या के भावी आकार एवम् स्वरूप का आकलन किया जा सकें तथा तदनुसार ही जनसंख्या के भावी आवासन एवम् उससे सम्बन्धित आर्थिक क्रियाओं, सामुदायिक सुविधाओं तथा सेवाओं के लिए आवश्यक भूमि का निर्धारण किया जा सकें। दीर्घकालीन विकाय योजना के लिए जनसंख्या एवम् उपलब्ध भूमि मुख्य आधार बिन्दु है। इसके परिप्रेक्ष्य में ही विभिन्न क्रियाओं से सम्बन्धित परिस्थितियों, सूचनाओं एवम् सम्भावनाओं का विश्लेषण किया जाता हैं।

8. जनांकिकी- अमीनगर सराय की जनगणना के आंकडे सन 1981 से उपलब्ध है। सन् 1981 में नगर की जनसंख्या 6867 थी। सन् 1991 में नगर की जनसंख्या 8272 थी। 1991 के बाद नगर में तीव्र विकास के कारण जनसंख्या में तेजी से वृद्वि हुई है जो 1991 से 2001 तक 10 वर्षो में जनसंख्या बढकर 10114 हो गईं। 2011 जनगणना के अनुसार नगर की जनसंख्या 11173 है जो वर्तमान में लगभग 15000 है।

9. आवास- भारत की जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार अमीनगर सराय में मकानों की संख्या 1727 है, तथा वर्तमान में लगभग 3159 है। जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार वार्डवार विवरण निम्नप्रकार है-

10. लिंगानुपात- अमीनगर सराय निकाय की भारत की जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार कुल जनसंख्या 11173 के सापेक्ष 5897 पुरूष व 5276 महिलाएं है।

क्र0सं0 वार्ड संख्या मकानों की संख्या वार्ड की जनसंख्या
1 1 115 752
2 2 152 949
3 3 202 1450
4 4 186 1112
5 5 132 896
6 6 150 1221
7 7 165 924
8 8 166 1082
9 9 147 773
10 10 121 692
11 11 191 1322

11. आवासन- अमीनगर सराय निकाय 11 वार्डो में विभाजित है। यहां वर्तमान में लगभग 3159 मकान है। वार्ड संख्या 03 जोकि निकाय के पूर्व में स्थित हैं जिसमें सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व है। पुराने क्षेत्र में सघन बसावट है। बसावट अनियोजित तरीके के बसी हुई है, अधिकांश गलियां संकरी है। नये आवासन क्षेत्रो में बसावट नियोजित तरीके से बसी हुई है।

12. वाणिज्यक- अमीनगर सराय निकाय में व्यवसायिक क्षेत्र सीमित है। निकाय में खुदरा व थोक व्यापार होता है। नगर में बस स्टैण्ड, होटल, सिनेमा हाल आदि विकसित नहीं हुए है। जिस कारण व्यवसायिक गतिविधियां अपेक्षित रूप से फल-फूल नहीं रही है।

13. औद्योगिक- अमीनगर सराय निकाय में अभी तक किसी भी तरह के उद्योग विकसित नहीं हुए है जबकि यहां पर सस्ते श्रम और भूमि की उपलब्धता है। यहां पर श्रमिक वैल्डिंग वर्क्स, फर्नीचर, मिस्त्री आदि का कार्य करते है। इसके अतिरिक्त गन्ना पिराई व अन्य कृषि कार्यो में भी श्रमिकों का योगदान है।

14. जनउपयोगी सुविधाएं- अमीनगर सराय निकाय में जलपूर्ति हेतु जल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। निकाय में जलापूर्ति को पूर्ण करने के लिए निकाय द्वारा 02 नलकूप लगाये गये है तथा एक उच्च जलाश्य बनाया गया है। प्रतिदिन स्वच्छ जल उपलब्ध कराया जा रहा है। नगर निकाय में सीवरेज व्यवस्था नहीं है। गन्दे पानी की निकासी के लिए नालियां उपयोग में ली जा रही है। नालियों की सफाई प्रतिदिन नगर पंचायत कर्मीयों द्वारा करवायी जाती है। घरों में मल-जल निस्तारण के लिए सैप्टिक टैंक बने हुए है। निकाय में सार्वजनिक, सामुदायिक, व्यक्तिगत व पिंक शौचालय का निर्माण कराया गया है। निकाय मेें लगभग 2.82 टन प्रतिदिन कचरा उत्पन्न होता है। जिसके संग्रह व निस्तारण के लिए पर्याप्त मात्रा में साधन उपलब्ध है। निस्तारण हेतु डम्पिंग साईट है। निकाय में यायायात हेतु उचित प्रबन्ध नही है। निकाय में बसो के रूकने हेतु बस स्टैण्ड नहीं है। जिस कारण बिनौली अडडा के पास रोड अवरूध रहता है। निकाय के मध्य से प्रत्येक प्रकार के वाहनों का आवागमन रहता है। जिस कारण दुर्घटना घटित होने की आशंका बनी रहती है। निकाय में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। निकाय के अन्दर की गलियां संकरी है। निकाय रेलवे लाईन के साथ नहीं जुडी है। निकाय में वर्तमान तक भूमि न होने के कारण कोई भी पार्क नहीं है।

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